चिकित्सा तत्त्व प्रदीप खंड-१ | Chikitsa Tattva Pradeep Khand-1

By: श्री त्रिमल भट्ट - Shree Trimal Bhatt
चिकित्सा तत्त्व प्रदीप खंड-१ | Chikitsa Tattva Pradeep Khand-1 by


दो शब्द :

यह पाठ "योग तरंगिणी संहिता" नामक ग्रंथ का परिचय और उसकी मूल बातें प्रस्तुत करता है। इसमें ग्रंथ के लेखक, उनके जीवन, रचनात्मकता और ग्रंथ के विषयों पर चर्चा की गई है। लेखक श्री त्रिमठल भट्ट हैं, जो भारतीय आयुर्वेद और चिकित्सा प्रणाली के विद्वान थे। उन्होंने विभिन्न आयुर्वेदिक ग्रंथों का अध्ययन किया और अपने अनुभवों के आधार पर इस ग्रंथ की रचना की। पाठ में यह बताया गया है कि त्रिमठल भट्ट ने कई अन्य ग्रंथ भी लिखे, जिनमें चिकित्सा और औषधियों का वर्णन है। ग्रंथ की संरचना में विभिन्न विषयों का समावेश है, जैसे औषधियों की पहचान, उपचार के तरीके, और चिकित्सा प्रक्रियाएँ। लेखक ने ग्रंथ के महत्व को रेखांकित किया है और बताया है कि यह ग्रंथ चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्रोत है। इसके अलावा, पाठ में यह भी उल्लेखित है कि ग्रंथ के कई हस्तलिखित प्रतियाँ उपलब्ध हैं, जो उसके ऐतिहासिक महत्व को दर्शाती हैं। संक्षेप में, यह पाठ एक आयुर्वेदिक ग्रंथ की महत्ता, लेखक के योगदान, और ग्रंथ के विषयों की विविधता को उजागर करता है।


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