रसायनसार | "Rasayan Saar
- श्रेणी: Ayurveda | आयुर्वेद भारत / India
- लेखक: श्यामसुन्दर - Shyamsundar
- पृष्ठ : 600
- साइज: 20 MB
- वर्ष: 1935
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दो शब्द :
यह पाठ एक रसायनशास्त्री, स्वर्गीय पंडित श्यामसुंदराचार्य के कार्य और उनके द्वारा किए गए अनुसंधानों का वर्णन करता है। पंडित जी ने अपने 26 वर्षों के परिश्रम और 10,000 रुपये के खर्च के बाद "रसशास्त्र और आयुवेद के औषधि निर्माण" पर एक महत्वपूर्ण ग्रंथ लिखा। इस ग्रंथ में पंडित जी ने अपनी शोध को श्लोकों के माध्यम से प्रस्तुत किया है, जिसमें उनकी भाषा पर भी उन्होंने स्वयं टिप्पणी की है। पाठ की प्रस्तावना में लेखक ने पंडित जी की योग्यता और उनके योगदान की सराहना की है। यह स्पष्ट किया गया है कि पंडित जी ने आयुर्वेद और रसायन विज्ञान में विशेष प्रेम और ज्ञान की वजह से महत्वपूर्ण कार्य किए हैं, जिससे जटिल औषधियों के निर्माण में सरलता आई है। लेखक यह भी बताता है कि पंडित जी ने प्राचीन ग्रंथों का अध्ययन करके उनमें से महत्वपूर्ण अंशों को संकलित किया और उन्हें प्रयोग के आधार पर सिद्ध किया। पंडित जी ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि उन्होंने बिना प्रमाण के कोई भी जानकारी नहीं दी और अपने अनुसंधान को स्पष्टता से प्रस्तुत किया। लेखक ने यह भी उल्लेख किया है कि पंडित जी के लेखन ने आयुर्वेद को और अधिक सुदृढ़ किया और उनके अनुसंधानों ने चिकित्सा विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनका कार्य आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है।
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