भारत में अंग्रेजी राज | Bharat Mein Angrezi Raj
- श्रेणी: Freedom and Politics | आज़ादी और राजनीति इतिहास / History भारत / India
- लेखक: सुन्दरलाल - Sundarlal
- पृष्ठ : 744
- साइज: 20 MB
- वर्ष: 1938
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दो शब्द :
इस पाठ में भारत में अंग्रेजी राज के दौरान भारतीय शिक्षा की स्थिति का विस्तार से वर्णन किया गया है। पहले, अंग्रेजों के आगमन से पूर्व, भारत में शिक्षा का स्तर बहुत ऊँचा था। प्राचीन भारत में शिक्षा का प्रसार विभिन्न प्रकार की संस्थाओं के माध्यम से किया जाता था, जैसे कि व्राह्मणों द्वारा घर पर शिक्षा, संस्कृत के लिए विद्यापीठ, और स्थानीय स्तर पर पाठशालाएँ। इस समय भारत में पढ़े-लिखे लोगों की संख्या भी काफी अधिक थी और शिक्षा को समाज में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त था। हालांकि, अंग्रेजों के शासन के साथ ही भारतीय शिक्षा प्रणाली का विनाश शुरू हुआ। ईस्ट इंडिया कंपनी ने ग्राम पंचायतों और पाठशालाओं को नष्ट करना शुरू कर दिया, जिससे शिक्षा का स्तर गिरने लगा। कई रिपोर्टें इस बात की पुष्टि करती हैं कि अंग्रेजों के शासन से पहले भारत की शिक्षा व्यवस्था दुनिया के अन्य देशों की तुलना में अधिक विकसित थी। लेकिन जैसे-जैसे अंग्रेजों ने शिक्षा पर नियंत्रण बढ़ाया, वैसे-वैसे देश की आर्थिक स्थिति भी बिगड़ने लगी, जिससे लोग अपने बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाने में सक्षम नहीं रह गए। इस प्रकार, पाठ में यह स्पष्ट किया गया है कि अंग्रेजों के शासन के दौरान भारतीय शिक्षा प्रणाली को गंभीर क्षति पहुँची और शिक्षा का स्तर गिर गया, जिससे समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
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