संग्राम-एक सामाजिक नाटक | Sangram - Ek Samajik Natak
- श्रेणी: नाटक/ Drama भारत / India
- लेखक: प्रेमचंद - Premchand
- पृष्ठ : 434
- साइज: 22 MB
- वर्ष: 1923
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दो शब्द :
प्रेमचंद रचनावली का प्रकाशन एक महत्वपूर्ण कार्य है, जो प्रेमचंद के सम्पूर्ण साहित्य को एकत्रित और प्रामाणिक रूप में प्रस्तुत करता है। यह रचनावली प्रेमचंद के साहित्य को विधावार और कालक्रमानुसार व्यवस्थित करती है, जिससे शोध और अध्ययन में सुविधा होती है। इसमें प्रेमचंद की रचनाओं के पहले प्रकाशन की जानकारी भी शामिल है। रचनावली में बीस खण्ड हैं, जिनमें उपन्यास, कहानियाँ, नाटक, अनुवाद, जीवनी, पत्र आदि शामिल हैं। इस कार्य के संपादक मंडल में कई वरिष्ठ साहित्यकार और विशेषज्ञ शामिल हैं, जिन्होंने इस रचनावली के संपादन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। डॉ. रामविलास शर्मा ने इस रचनावली की भूमिका लिखी है, जो इसकी विशेषता और महत्त्व को रेखांकित करती है। प्रेमचंद साहित्य के अध्ययन के लिए यह रचनावली एक ऐतिहासिक महत्व रखती है, क्योंकि इसमें पहले कभी प्रकाशित न हुए कई ग्रंथों का भी समावेश किया गया है। प्रकाशन में कई सहयोगियों का योगदान भी उल्लेखनीय है, जिन्होंने विभिन्न स्तरों पर संपादन, प्रूफ-संशोधन, और मुद्रण कार्य में मदद की। अंत में, लेखक ने पाठकों से निवेदन किया है कि वे रचनावली की त्रुटियों की ओर ध्यान दें, ताकि भविष्य में उन्हें ठीक किया जा सके। लेखक ने सभी सहयोगियों और पाठकों के प्रति आभार व्यक्त किया है और आशा जताई है कि हिन्दी जगत इस रचनावली का स्वागत करेगा।
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