भजन -संग्रह | Bhajan-Sangrah

- श्रेणी: धार्मिक / Religious भक्ति/ bhakti
- लेखक: घनश्यामदास जालान - Ghanshyamdas Jalan
- पृष्ठ : 168
- साइज: 2 MB
- वर्ष: 1516
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दो शब्द :
यह पाठ "पत्र पुष्प" के नाम से एक भजन संग्रह का हिस्सा है, जिसमें संत-महात्माओं के भजनों और अनुभवयुक्त वाणियों का समावेश किया गया है। लेखक ने इस संग्रह का महत्व बताते हुए कहा है कि यह भजन संग्रह साहित्य या कविता के लिए नहीं, बल्कि भक्ति की दृष्टि से पढ़ा जाना चाहिए। इस संग्रह में विभिन्न बोलियों में भजनों का समावेश किया गया है, जैसे खड़ी बोली, ब्रज भाषा, और शेखावाटी की बोलियाँ। भजनों में भक्ति भावना को प्रमुखता दी गई है, और पाठक से अपेक्षा की गई है कि वे इन भजनों को भगवान के नाम के रूप में समझें। इसमें भजन संग्रह की कई प्रविष्टियाँ हैं, जिनमें भक्ति, प्रेम, शिक्षा और चेतावनी से संबंधित भावनाएँ व्यक्त की गई हैं। इनमें से कुछ भजन विशेष रागों में हैं, और हर एक भजन में भक्तिभाव और भगवान के प्रति समर्पण की भावना व्यक्त की गई है। इस प्रकार, "पत्र पुष्प" एक भक्ति साहित्य का संग्रह है, जो भक्ति, प्रेम और साधना की प्रेरणा प्रदान करता है।
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