नर्मदा कल्पवल्ली | Narmada Kalpavalli

By: अज्ञात - Unknown
नर्मदा कल्पवल्ली | Narmada Kalpavalli by


दो शब्द :

इस पाठ में नर्मदा नदी, जिसे नमंदा के नाम से भी जाना जाता है, की महिमा और महत्व का वर्णन किया गया है। इसे पवित्र नदी माना जाता है, जो पापों का नाश करती है और भक्तों की इच्छाओं को पूरा करती है। पाठ में यह बताया गया है कि किस प्रकार भगवान शिव और भगवान विष्णु ने मिलकर नमंदा को इस धरती पर प्रकट किया। समस्त देवताओं ने भगवान शिव से प्रार्थना की कि वे पापों का नाश करने वाली एक देवी का अवतार लें। भगवान शिव ने अपनी कृपा से एक सुंदर कन्या का अवतार किया, जो बाद में नर्मदा नदी के रूप में जानी गई। पाठ में बताया गया है कि नमंदा का जल सभी पापों को धोने की शक्ति रखता है और जो इसमें स्नान करते हैं, वे पवित्र हो जाते हैं। नर्मदा का संदर्भ केवल भौतिक रूप में नहीं, बल्कि आध्यात्मिक रूप में भी महत्वपूर्ण है। इसे ज्ञान और करुणा की देवी माना जाता है, जो भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति में सहायता करती है। पाठ में नर्मदा की महिमा का वर्णन करते हुए इसे विभिन्न पुराणों में उल्लिखित किया गया है, जो इसके पवित्रता और महत्व को दर्शाते हैं। सारांशतः, नर्मदा नदी का वर्णन एक दिव्य जलधारा के रूप में किया गया है, जो भक्तों के लिए कल्याणकारी है और जो अद्वितीय रूप से पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है। इसकी स्तुति में अनेक श्लोक और गीत प्रस्तुत किए गए हैं, जो इसकी महिमा को बढ़ाते हैं और भक्तों को इसकी आराधना के लिए प्रेरित करते हैं।


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