भाषा विज्ञानं एवं हिंदी भाषा का इतिहास | Bhasha Vigyan Evam Hindi Bhasha Ka Itihas

By: भारत भूषण - Bharat Bhushan
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दो शब्द :

इस पाठ में भाषा-विज्ञान के महत्व और उसके अध्ययन की प्रक्रिया पर चर्चा की गई है। लेखक ने भाषा-विज्ञान को भाषा की उत्पत्ति, विकास और संरचना का वैज्ञानिक अध्ययन बताया है। यह भाषा के विभिन्न रूपों का परीक्षण करता है और उनके विकास के कारणों को समझने का प्रयास करता है। लेखक यह भी स्पष्ट करते हैं कि भाषा-विज्ञान और व्याकरण में क्या अंतर है। भाषा-विज्ञान का कार्य न केवल किसी विशेष भाषा का अध्ययन करना है, बल्कि यह सभी भाषाओं और बोलियों के बीच संबंधों का भी अवलोकन करता है। यह सुनिश्चित करता है कि भाषा का विकास कैसे हुआ, और इसके विभिन्न रूप किस प्रकार समय के साथ परिवर्तित हुए। इसके विपरीत, व्याकरण केवल भाषा के स्थायी रूपों और नियमों का संग्रह है, जो नई भाषाई प्रवृत्तियों को स्वीकार नहीं करता। पाठ में यह भी बताया गया है कि व्याकरण एक कला है, जबकि भाषा-विज्ञान विज्ञान की श्रेणी में आता है। भाषा-विज्ञान का ध्यान भाषा के विकास और परिवर्तन पर होता है, जबकि व्याकरण स्थिर नियमों पर केंद्रित होता है। इस प्रकार, पाठ भाषा-विज्ञान के क्षेत्र की व्यापकता और इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भाषा का अध्ययन केवल उसके व्याकरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक वैज्ञानिक दृष्टिकोण की आवश्यकता है।


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