रेणुका | Renuka
- श्रेणी: Cultural Studies | सभ्यता और संस्कृति Vedanta and Spirituality | वेदांत और आध्यात्मिकता
- लेखक: रामधारी सिंह 'दिनकर' - Ramdhari Singh Dinkar
- पृष्ठ : 150
- साइज: 6 MB
- वर्ष: 1954
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दो शब्द :
"रेणुका" रामधारी सिंह दिनकर की एक काव्य संग्रह है, जिसमें प्रेम, जीवन, और भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया है। इस संग्रह का पहला संस्करण लंबे समय बाद प्रकाशित हुआ है और इसमें कुछ पुरानी कविताएँ हटाई गई हैं तथा नई कविताएँ जोड़ी गई हैं। इस संस्करण के प्रकाशन में कुछ सौंदर्य और चित्रण की कमी है, जो पहले के संस्करणों में था। कविताओं में विभिन्न भावनाओं का आह्वान किया गया है, जैसे प्रेम, संघर्ष, और जागृति। दिनकर की कविताएँ जीवन को गहराई से छूती हैं और समाज के प्रति उनकी चिंताएँ व्यक्त करती हैं। "रेणुका" में कवि ने भारतीय संस्कृति के प्रतीकों का उपयोग किया है, जैसे कि हिमालय, प्रेम का सौदा, और मिथिला, जो पाठकों के मन में एक गहरी छाप छोड़ते हैं। कविताएँ केवल व्यक्तिगत अनुभवों को नहीं बल्कि सामूहिक संघर्षों और सामाजिक मुद्दों को भी छूती हैं। उन्होंने प्रेम को एक महत्वपूर्ण विषय बनाया है, जो जीवन की सुंदरता और जटिलता को दर्शाता है। इस प्रकार, "रेणुका" एक सशक्त काव्य संग्रह है जो पाठक को विचार और भावनाओं के एक नए आयाम में ले जाता है।
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