रोहतासमठ | Rohatasmath

By: अज्ञात - Unknown
रोहतासमठ | Rohatasmath by


दो शब्द :

यह पाठ एक उपन्यास का पहला भाग है, जिसमें दो नौजवानों की कहानी दिखाई गई है। दोनों एक घने जंगल में शिकार पर निकले हैं और अचानक उन्हें एक भालू का सामना करना पड़ता है। एक युवक, जिसका नाम कुमार है, भालू से लड़ते समय घायल हो जाता है, लेकिन उसके साथी उसे बचा लेते हैं। जंगल में भालू से लड़ाई के बाद, दोनों युवक एक बांसुरी की मधुर आवाज सुनते हैं, जो उन्हें अपनी ओर आकर्षित करती है। वे उस आवाज की दिशा में बढ़ते हैं और एक छोटे से मकान तक पहुँचते हैं, जहाँ एक लड़की बांसुरी बजा रही होती है। मकान के अंदर एक साधू भी है, जिसके कपड़ों पर खून के धब्बे होते हैं। साधू महाराज दोनों युवाओं का स्वागत करते हैं और उन्हें अंदर बुलाते हैं। दोनों युवक साधू के घाव और खून के धब्बों को देख कर चिंतित होते हैं। साधू उन्हें आश्वासन देते हैं कि उन्हें यहां लाने के लिए उन्होंने थोड़ी तरकीब की थी। पाठ का अंत इस स्थिति पर होता है कि युवक साधू के बारे में और अधिक जानने के लिए उत्सुक हैं और उनके बीच की बातचीत में रहस्य और रोमांच का तत्व बढ़ता है। इस प्रकार, पाठ में साहस, मित्रता और रहस्य का मिश्रण प्रस्तुत किया गया है।


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