जहागीर नामा | Jahangir Nama

By: मुंशी देवीप्रसाद - Munshi Deviprasad
जहागीर नामा | Jahangir Nama by


दो शब्द :

इस पाठ में मुंशी देवोप्रसाद मह्दोदय का परिचय दिया गया है, जो हिंदी भाषा और देवनागरी लिपि के प्रचारक हैं। उन्होंने राजस्थान के इतिहास का गहन अध्ययन किया है और उसकी महत्वपूर्ण किताबें लिखी हैं। उनका जन्म 1004 संवत में जयपुर में हुआ था और उन्होंने फारसी और उर्दू में भी अध्ययन किया है। देवोप्रसाद मह्दोदय ने टोंक में नोकरी की और वहां अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने जोधपुर दरबार में भी काम किया और कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। उन्होंने साहित्य और इतिहास के क्षेत्र में कई पुस्तकें लिखीं, जिनमें से कुछ सरकारी कामों के लिए थीं। पाठ में यह भी बताया गया है कि वे राजपूतों और मुसलमानों के इतिहास के विषय में गहरी रुचि रखते थे और पुरानी किताबों और शिलालेखों की खोज में लगे रहते थे। उन्होंने हिंदी साहित्य की सेवा में भी योगदान दिया और कई कविताएं संकलित कीं। इस प्रकार, पाठ में मुंशी देवोप्रसाद मह्दोदय के जीवन, उनके कार्य और उनकी साहित्यिक सेवा का विस्तृत विवरण दिया गया है। उनका उद्देश्य भारतीय इतिहास और साहित्य को समृद्ध करना रहा है।


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