हिन्दी साहित्य का इतिहास | Hindi Sahitya Ka Itihas

By: डॉ गोविंद चातक - Dr. Govind Chatak प्रो. राजकुमार शर्मा - Prof. Rajkumar Sharma


दो शब्द :

इस पाठ में हिंदी साहित्य के इतिहास का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया गया है, जिसमें चार प्रमुख कालों का उल्लेख किया गया है: आदिकाल, भक्तिकाल, रीतिकाल और आधुनिक काल। आदिकाल में हिंदी भाषा का प्रारंभिक विकास हुआ, जिसमें रासो काव्य की परंपरा और पृथ्वीराज रामोला जैसे महत्वपूर्ण काव्य शामिल हैं। इस काल की साहित्यिक विशेषताएँ और प्रमुख कृतिकारों की चर्चा की गई है। भक्तिकाल में भक्ति आंदोलन का प्रभाव दिखाई देता है, जिसमें संतों और सूफियों का योगदान महत्वपूर्ण है। इस काल में हिंदी काव्य की विशेषताएँ और प्रमुख भक्त कवियों का परिचय दिया गया है। रीतिकाल में प्रेम और सौंदर्य की अभिव्यक्ति पर जोर दिया गया, जिसमें रीतिबद्ध और रीतिमुक्त काव्य की चर्चा की गई है। इस काल के कवियों और उनकी कृतियों का विश्लेषण किया गया है। आधुनिक काल में हिंदी साहित्य ने नए आयामों को छुआ, जिसमें विभिन्न साहित्यिक धाराओं जैसे छायावाद, प्रगतिवाद और प्रयोगवाद का विकास हुआ। इस काल में गद्य साहित्य, नाटक, उपन्यास और अन्य लेखन विधाओं का विस्तार हुआ। इस प्रकार, पाठ में हिंदी साहित्य के इतिहास का संक्षिप्त लेकिन समग्र चित्रण प्रस्तुत किया गया है, जिसमें विभिन्न कालों की विशेषताएँ और प्रमुख रचनाएँ शामिल हैं।


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