हिमालय -परिचय | Himalaya- Parichay

By: राहुल सांकृत्यायन - Rahul Sankrityayan
हिमालय -परिचय | Himalaya- Parichay by


दो शब्द :

इस पाठ में लेखक राहुल सांकेत्रायन ने हिमालय के गढ़वाल क्षेत्र का परिचय दिया है। उन्होंने बताया है कि उनका हिमालय के प्रति आकर्षण 1910 से शुरू हुआ और पिछले चालीस वर्षों में उन्होंने हिमालय के साथ एक गहरा संबंध स्थापित किया। लेखक ने गढ़वाल क्षेत्र की विशेषताओं, उसकी सीमाओं, और प्राचीन इतिहास का उल्लेख किया है। इस ग्रंथ को लिखने का कारण लेखक का हिमालय के प्रति गहरा प्रेम और ज्ञान की खोज है। उन्होंने अपने अनुभव और यात्रा के आधार पर गढ़वाल की प्राकृतिक विशेषताओं, भौगोलिक सीमाओं, और ऐतिहासिक संदर्भों का अध्ययन किया है। लेखक ने गढ़वाल के अलावा कुमाऊं, नेपाल और जलंधर के क्षेत्रों का भी उल्लेख किया है। वे बताते हैं कि हिमालय का प्राचीन इतिहास और संस्कृति उसकी स्थानीय भाषाओं और परंपराओं पर आधारित है। लेखक ने गढ़वाल और कुमाऊं के बीच की सीमाओं, वहां के निवासियों के रीति-रिवाज और उनकी भाषाओं का भी उल्लेख किया है। इस पुस्तक के माध्यम से लेखक ने हिमालय के विभिन्न क्षेत्रों के बारे में जानकारी प्रदान करने का प्रयास किया है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया है कि यह ग्रंथ पूर्ण नहीं है और भविष्य में इसे विस्तार से लिखा जा सकता है। अंत में, लेखक ने अपने सहयोगियों और पूर्व लेखकों का आभार व्यक्त किया है जिन्होंने उनके लेखन में सहायता की।


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