मीना बाजार | Meena Bazaar

By: सआदत हसन मंटो - Saadat Hasan Manto
मीना बाजार | Meena Bazaar by


दो शब्द :

इस पाठ में फिल्मी सितारों और उनकी ज़िंदगी की वास्तविकता पर चर्चा की गई है। लेखक ने एक पारिवारिक वातावरण का चित्रण किया है, जहां फिल्म इंडस्ट्री की एक अभिनेत्री, नगिस, की उपस्थिति से सभी बहनें उत्सुकता और घबराहट में हैं। पाठ का मुख्य पात्र, जो लेखक भी है, अचानक घर लौटता है और उसे अपनी सालियों की बातचीत के दौरान पता चलता है कि नगिस उनके घर आने वाली है। लेखक की पत्नी और उसकी बहनें नगिस के साथ टेलीफोन पर बातचीत करती हैं, लेकिन वे अपनी असलियत छुपाती हैं। नगिस को भी इन बहनों से मिलना है, और वह उनके आकर्षण में बंधी हुई है। जब नगिस घर आती है, तो लेखक और उसकी पत्नी के बीच थोड़ी टकराव होती है, लेकिन अंततः सब कुछ सामान्य हो जाता है। इसमें यह दिखाया गया है कि फिल्म इंडस्ट्री के सितारे कैसे आम लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनते हैं, लेकिन उनकी असल ज़िंदगी में भी साधारणता होती है। पाठ में फिल्म जगत की चमक-धमक के पीछे की वास्तविकता, जैसे कि कलाकारों की मनोदशा और उनके व्यक्तिगत जीवन की जटिलताएं, को उजागर किया गया है। अंत में, लेखक नगिस की मासूमियत और उसके अंदर छिपी कलाकारी को पहचानता है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि फिल्मी सितारे भी आम इंसानों की तरह भावनाएं और जज़्बात रखते हैं।


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