भारतीय कृषि ज्ञान कोष | Bhartiya Krishi Gyan Kosh

By: राम सुभग सिंह - Ram Subhag Singh
भारतीय कृषि ज्ञान कोष | Bhartiya Krishi Gyan Kosh by


दो शब्द :

भारतीय कृषि ज्ञान कोष एक महत्वपूर्ण संदर्भ ग्रंथ है जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा प्रकाशित किया गया है। यह 'हैण्ड बुक ऑफ एग्रीकल्चर' नामक अंग्रेजी पुस्तक का हिंदी रूपांतर है। लेखक का मानना है कि भारत की विकासशील अर्थव्यवस्था में कृषि का विशेष महत्व है, क्योंकि राष्ट्रीय आय का एक बड़ा हिस्सा कृषि से ही आता है। देश की लगभग 70 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। आज़ादी के बाद, भारतीय कृषि का बहुपरक विकास हुआ है और पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से कृषि को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। इन योजनाओं में सिंचाई, भूमि संरक्षण, उर्वरक वितरण और बेहतर बीजों की व्यवस्था की गई है। इससे खाद्यान्न उत्पादन में भी वृद्धि हुई है। हालांकि, आज भी कृषि आर्थिक दृष्टि से लाभकारी नहीं है, क्योंकि अधिकांश खेत केवल आत्मनिर्वाह के लिए हैं और जनसंख्या वृद्धि के चलते भूमि पर दबाव बढ़ रहा है। कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक विधियों का उपयोग आवश्यक है। भारतीय कृषि ज्ञान कोष में कृषि से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी गई है और इसे किसानों, ग्राम सेवकों और छात्रों के लिए उपयोगी बनाया गया है। यह पुस्तक तकनीकी जानकारियों को सरल और समझने योग्य भाषा में प्रस्तुत करती है। हिंदी रूपांतर के दौरान यह ध्यान रखा गया कि पुस्तक उपयोगी सामग्री से भरी हो, ताकि किसान और विद्यार्थी दोनों इसका लाभ उठा सकें। भारतीय कृषि ज्ञान कोष का उद्देश्य कृषि के सभी पहलुओं को एक स्थान पर संक्षेप में प्रस्तुत करना है, जिससे यह एक मानक ग्रंथ बन सके।


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