हमारे युग का खलनायक | Hamare Yug Ka Khalnayak
- श्रेणी: Freedom and Politics | आज़ादी और राजनीति
- लेखक: राजेन्द्र यादव - Rajendra Yadav
- पृष्ठ : 716
- साइज: 57 MB
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दो शब्द :
इस पाठ में राजेन्द्र यादव के साहित्यिक व्यक्तित्व और उनकी रचनाओं का विश्लेषण किया गया है। इसे उनके 76वें जन्मदिन के अवसर पर एक अभिनंदन ग्रंथ के रूप में प्रस्तुत किया गया है। लेखक ने यह बताया है कि कैसे राजेन्द्र यादव ने हिंदी साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है, लेकिन साथ ही वे विवादास्पद भी रहे हैं। पाठ में यह उल्लेखित है कि राजेन्द्र यादव का जन्म आगरा में हुआ और उन्होंने अपने लेखन के माध्यम से समाज के विभिन्न पहलुओं को चुनौती दी है। उनका लेखन विशेष रूप से स्त्री और दलित विमर्श पर केंद्रित है, और वे अपने समय के सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय रखते हैं। लेखक ने यह भी बताया है कि राजेन्द्र यादव का साहित्य प्रेमचन्द की परंपरा में आता है, लेकिन वे आधुनिकता की चुनौतियों का सामना करते हुए एक नयी दिशा में आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। पाठ में यह भी कहा गया है कि राजेन्द्र यादव का व्यक्तित्व जटिल और बहुआयामी है, और वे अपने लेखन के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों के मुद्दों को उठाते हैं। इस पाठ का मुख्य उद्देश्य राजेन्द्र यादव की साहित्यिक यात्रा और उनके लेखन के महत्व को रेखांकित करना है, साथ ही यह बताना है कि वे किस प्रकार हिंदी साहित्य के एक महत्वपूर्ण और विवादास्पद लेखक हैं।
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