बौद्धधर्म-दर्शन | Bauddha Dharma-Darshan
- श्रेणी: धार्मिक / Religious बौद्ध / Buddhism
- लेखक: आचार्य नरेंद्र देव जी - Aacharya Narendra Dev Ji
- पृष्ठ : 778
- साइज: 60 MB
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दो शब्द :
इस पाठ में बौद्ध धर्म और उसके दर्शन के महत्व पर चर्चा की गई है। आचार्य नरेन्द्रदेव द्वारा लिखित "बौद्ध धर्म-दर्शन" ग्रंथ का उल्लेख करते हुए बताया गया है कि किस प्रकार यह ग्रंथ बौद्ध धर्म के पुनरुद्धार में सहायक सिद्ध हुआ है। लेखक ने यह भी बताया है कि बौद्ध धर्म के सिद्धांतों का अध्ययन और समझ आवश्यक है, क्योंकि यह मानव जीवन में निर्वाण की प्राप्ति के लिए मार्गदर्शक है। लेख में यह भी उल्लेख किया गया है कि बौद्ध धर्म के सिद्धांतों को समझने के लिए पारंपरिक ग्रंथों की महत्वपूर्णता को नकारा नहीं जा सकता, और आचार्य नरेन्द्रदेव ने अपने ग्रंथ में विभिन्न बौद्ध स्कूलों के विचारों का संकलन किया है। उन्होंने सिद्धांतों को प्रामाणिक शास्त्रों के माध्यम से प्रस्तुत किया है, जिससे अध्ययन और साधना की प्रक्रिया को सरल बनाया जा सके। इसके अलावा, बौद्ध धर्म के पुनर्जागरण की आवश्यकता को भी रेखांकित किया गया है, विशेषकर 20वीं सदी में। साहित्य और संस्कृति के माध्यम से बौद्ध धर्म के सिद्धांतों को आम जन तक पहुँचाने का प्रयास किया जा रहा है। पाठ में यह भी बताया गया है कि आचार्य नरेन्द्रदेव का यह कार्य, जो उन्होंने अपने जीवन में किया, बौद्ध धर्म के लिए एक संजीवनी के समान है। अंत में, पाठ में आचार्य जी के योगदान की सराहना करते हुए उनके निधन के बाद भी उनके कार्य का महत्व बताया गया है, और यह उल्लेख किया गया है कि यह ग्रंथ बौद्ध धर्म के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
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