पुरातत्व विज्ञान | Puratattva Vigyan

By: रामप्रकाश ओझा - Ramprakash Ojha
पुरातत्व विज्ञान | Puratattva Vigyan by


दो शब्द :

इस पाठ में पुरातत्व विज्ञान की महत्ता और इसके विकास पर चर्चा की गई है। पुरातत्व विज्ञान ने हमें अतीत की सभ्यताओं को समझने में मदद की है, जिससे हम सांस्कृतिक और राजनीतिक इतिहास का निर्माण कर सकते हैं। पहले, इतिहास लिखने के लिए साहित्यिक स्रोतों पर निर्भरता थी, लेकिन अब पुरातत्व विज्ञान की मदद से कई खंडहरों और पुरातात्विक स्थलों से जानकारी प्राप्त की जा सकती है। पाठ में उल्लेखित है कि पुरातत्व विभाग ने कई पुरानी सभ्यताओं को उजागर करने की कोशिश की है, जिससे इतिहास का एक जीता-जागता उदाहरण हमारे सामने आया है। यह विज्ञान विभिन्न विद्वानों के योगदान से विकसित हुआ है, जिन्होंने खुदाई कर ऐतिहासिक अवशेषों को उजागर किया। लेखक ने विभिन्न पुरातात्विक विद्वानों का उल्लेख किया है, जैसे पिटरिवर्स, पिट्री, और सर जान मार्शल, जिनके प्रयासों से पुरातत्व विज्ञान में प्रगति हुई है। लेखक ने यह भी बताया कि पुरातत्व विज्ञान के बिना हमारे देश का इतिहास अंधकारमय रहता। इस पाठ में यह कहा गया है कि पुरातत्व विज्ञान ने प्रामाणिकता का संचार किया है और इसका भविष्य उज्ज्वल है। लेखक ने अपने मार्गदर्शक और अन्य विद्वानों के प्रति आभार व्यक्त किया है जिन्होंने इस कार्य में मदद की है। संक्षेप में, यह पाठ पुरातत्व विज्ञान के महत्व, इसके विकास और विभिन्न विद्वानों के योगदान को उजागर करता है, जिससे हम अपने अतीत को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं।


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