अवधी लोक गीत | Avadhi Lok Geet

By: हजारी प्रसाद द्विवेदी - Hazari Prasad Dwivedi


दो शब्द :

इस पाठ में डॉ. कृष्णदेव उपाध्याय द्वारा अवधी लोक-गीतों के संग्रह की चर्चा की गई है। लेखक ने लोक साहित्य के प्रति अपने आकर्षण और अध्ययन के अनुभव साझा करते हुए बताया है कि उन्होंने अपने जीवन को लोक संस्कृति के अध्ययन में समर्पित किया है। उपाध्याय ने अवधी लोक-गीतों का महत्व बताया है और यह भी उल्लेख किया है कि पहले भी इस क्षेत्र में कुछ कार्य हुए हैं, लेकिन अभी भी बहुत सारा साहित्य अप्रकाशित है। लेखक ने जिन गीतों का चयन किया है, उनमें ग्रामीण जीवन की आशाएँ, प्रेम, विरह, उत्सव और आनंद का जीवंत चित्रण है। ये गीत जन-जीवन के वास्तविक स्वरूप को अभिव्यक्त करते हैं और सहज जन-भाषा में रचे गए हैं, जो भावनाओं को गहराई से व्यक्त करते हैं। डॉ. उपाध्याय ने इस संग्रह के माध्यम से पाठकों को अवधी लोक-गीतों की समृद्धि से अवगत कराने का प्रयास किया है। लेखक ने अवधी लोक-गीतों का संग्रह करते समय अपनी व्यक्तिगत यात्रा और अनुभवों का भी उल्लेख किया है, जिसमें उन्होंने अपने विद्यार्थियों को इस क्षेत्र में प्रेरित किया। उन्होंने इस कार्य में अपने सहयोगियों और परिजनों का धन्यवाद किया, जिनकी सहायता के बिना यह पुस्तक संभव नहीं थी। अंत में, उन्होंने लोक साहित्य के महत्व को रेखांकित करते हुए भविष्य में और भी संग्रह प्रकाशित करने की आशा व्यक्त की है।


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