संगीताञ्जलि | Sangeetanjali
- श्रेणी: भारत / India संगीत / Music
- लेखक: पं ओमकारनाथ ठाकुर - Pt. Omkarnath Thakur
- पृष्ठ : 233
- साइज: 85 MB
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दो शब्द :
इस पाठ का उद्देश्य भारतीय संगीत की शिक्षा को व्यवस्थित और सुसंगत रूप से प्रस्तुत करना है। लेखक ने संगीत का अध्ययन करने के लिए एक पाठ्यक्रम का निर्माण किया है, जिसे विभिन्न स्तरों पर छात्रों के विकास के अनुसार तैयार किया गया है। यह पाठ्यक्रम संगीत की विभिन्न शैलियों और रागों की गहराई से समझ प्रदान करने के लिए बनाया गया है, ताकि छात्र धीरे-धीरे कठिन रागों और गायकी की तकनीकों का अध्ययन कर सकें। लेखक ने यह बताया है कि पहले संगीत शिक्षा केवल गुरु से शिष्य को मौखिक रूप से दी जाती थी, लेकिन अब इसे विश्वविद्यालयों में औपचारिक रूप से पढ़ाया जा रहा है। यह पाठ्यक्रम मुख्यतः ख्याल-गायकी पर केंद्रित है, जो भारतीय संगीत की एक महत्वपूर्ण शैली है। इसके अंतर्गत गायकी के विभिन्न अंगों का अध्ययन, जैसे कि आलाप और तान, को शामिल किया गया है। पुस्तक में संगीत की सूक्ष्मता को ध्यान में रखते हुए लेखन की एक नई प्रणाली अपनाई गई है, जिससे संगीत को एक निश्चित रूप में प्रस्तुत किया जा सके। लेखक ने अपनी गुरु परंपरा का उल्लेख करते हुए ख्याल-गायकी के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया है और पाठक से आग्रह किया है कि वे इस पुस्तक का उपयोग करते समय किसी भी कठिनाई के बारे में उन्हें सूचित करें। इस प्रकार, यह पाठ्यक्रम भारतीय संगीत की शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान है, जिसका उद्देश्य संगीत के प्रति छात्रों की समझ को बढ़ावा देना और उनकी तकनीकी क्षमताओं को विकसित करना है।
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