सद्गति | Sadgati
- श्रेणी: भारत / India साहित्य / Literature
- लेखक: पुस्तक समूह - Pustak Samuh प्रेमचंद - Premchand
- पृष्ठ : 28
- साइज: 1 MB
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दो शब्द :
यह पाठ भारतीय समाज में विभिन्न सामाजिक और आर्थिक परिवर्तनों का वर्णन करता है, जो 1900 से 2000 के बीच हुए। इसमें सामाजिक स्थिति, औद्योगीकरण, शिक्षा के प्रसार, और स्वतंत्रता संग्राम के प्रभावों पर चर्चा की गई है। पाठ में यह भी बताया गया है कि कैसे भारतीय समाज ने औपनिवेशिक शासन के दौरान संघर्ष किया और स्वतंत्रता के बाद नए राजनीतिक और आर्थिक ढांचे को अपनाया। विभिन्न समयांतराल में, जैसे 1910-11, 1930, और 1950 के दशक में, समाज में आए बदलावों का उल्लेख किया गया है। औद्योगिक क्रांति के परिणामस्वरूप नई नौकरियों का सृजन हुआ, जिससे श्रमिक वर्ग का उदय हुआ। इसके साथ ही, शिक्षा के प्रसार ने समाज के विभिन्न वर्गों के बीच जागरूकता बढ़ाई और सामाजिक आंदोलनों को जन्म दिया। पाठ में यह भी बताया गया है कि स्वतंत्रता के बाद भारत ने कैसे विकास की दिशा में कदम बढ़ाए और वैश्वीकरण के प्रभावों को कैसे अपनाया। यह सभी बातें भारतीय समाज के विकास और परिवर्तन की कहानी को दर्शाती हैं।
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