बगड़ावत देवनारायण महागाथा | Bagadawat Devanarayan Mahagatha

- श्रेणी: साहित्य / Literature
- लेखक: लक्ष्मी कुमारी चुण्डावत - Lakshmi Kumari Chundawat
- पृष्ठ : 671
- साइज: 11 MB
- वर्ष: 1960
-
-
Share Now:
दो शब्द :
"बगड़ावत देवनारायण" एक मौखिक महागाथा है, जिसे पीढ़ी दर पीढ़ी गाया जाता रहा है। यह पुस्तक मौखिक परंपरा पर आधारित है और इसे लिखित रूप में प्रस्तुत किया गया है। लेखिका लक्ष्मीकुमारी चूण्डावत ने इस गाथा के संपादन का कार्य किया है, जिसमें उन्होंने भाषा, इतिहास और घटनाओं की जटिलताओं पर प्रकाश डाला है। गाथा में बगड़ावतों की कहानी का उल्लेख है, जो सदियों से गाई जा रही है। इसमें विभिन्न स्थानों और समय के अनुसार भाषा में परिवर्तन होते रहते हैं, जिससे यह गाथा पुरानी लगने के बजाय समकालीन लगती है। कुछ शब्दों के उच्चारण और स्थानीय रूपों को यथावत रखने का प्रयास किया गया है। पुस्तक के संपादन के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जैसे प्रूफ-संशोधन में गलतियाँ और गाथा के पात्रों तथा घटनाओं के सही नामों का पता लगाने में कठिनाई। इसके बावजूद, लेखिका ने इस महागाथा को प्रकट करने और इसे संरक्षित करने का प्रयास किया है, ताकि यह नष्ट न हो जाए। लेखिका ने विभिन्न विद्वानों और सहयोगियों का धन्यवाद किया है, जिन्होंने इस गाथा को संकलित और संपादित करने में मदद की। इस प्रकार, "बगड़ावत देवनारायण" एक महत्वपूर्ण लोकसाहित्य का उदाहरण है, जो अपनी मौखिक परंपरा के साथ जीवित है और इसे पढ़ने और समझने की आवश्यकता है।
Please share your views, complaints, requests, or suggestions in the comment box below.