वृक्ष-विज्ञान | Varksh-vigyan

By: प्रवासीलाल वर्मा - Pravasilal Verma
 वृक्ष-विज्ञान | Varksh-vigyan by


दो शब्द :

इस पाठ में लेखक ने अपनी पुस्तक के उद्देश्यों और इसके पीछे की प्रेरणा के बारे में बताया है। वे यह स्पष्ट करते हैं कि वे विद्वान नहीं हैं, बल्कि हिंदी के एक साधारण सेवक हैं, जिनका उद्देश्य सामान्य पाठकों को लाभ पहुंचाना है। लेखक ने अपनी पुस्तक के माध्यम से छोटे कस्बों और गांवों के लोगों को औषधीय पौधों के उपयोगों के बारे में जानकारी देने का प्रयास किया है। लेखक ने अपने अनुभव साझा किए हैं कि कैसे उन्होंने औषधीय पौधों का प्रयोग करके कई बीमारियों का उपचार किया। उन्होंने महसूस किया कि बड़े शहरों में डॉक्टरों की सहायता उपलब्ध है, लेकिन छोटे गांवों में लोग ऐसे उपचारों से वंचित हैं। इसलिए, उन्होंने यह पुस्तक लिखने का विचार बनाया ताकि वे ग्रामीणों को औषधीय पौधों के लाभ के बारे में जागरूक कर सकें। पुस्तक में विभिन्न औषधीय पौधों के गुण और उनके उपयोग का विवरण दिया गया है। लेखक ने यह भी उल्लेख किया है कि पुस्तक में कुछ गलतियाँ हो सकती हैं और वे पाठकों से सुझाव मांगते हैं ताकि वे अगली संस्करण में सुधार कर सकें। अंत में, लेखक ने उन सभी का धन्यवाद किया है जो इस पुस्तक के प्रकाशन में उनके सहयोगी रहे हैं। इस प्रकार, यह पाठ एक औषधीय वृक्ष और पौधों के विज्ञान पर आधारित है, जो पाठकों को पौधों के औषधीय गुणों और उनके उपयोग के बारे में जानकारी प्रदान करता है।


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