भारतीय राजनीतिक चिंतन | Bhartiya Samajik Chintan
- श्रेणी: Freedom and Politics | आज़ादी और राजनीति भारत / India सामाजिक कौशल/social skills
- लेखक: के. एल. कमल - K. L. Kamal
- पृष्ठ : 278
- साइज: 5 MB
- वर्ष: 1962
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दो शब्द :
यह पाठ "भारतीय राजनीतिक चिन्तन" पर आधारित है, जिसे प्रो. के. एल. कमल ने लिखा है। इसमें भारतीय राजनीतिक विचारधाराओं का अध्ययन किया गया है, जिसे तीन भागों में विभाजित किया गया है: प्राचीन, मध्यकाल और आधुनिक काल। प्रत्येक भाग में संबंधित काल के प्रमुख विचारकों और उनके विचारों का विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है। प्राचीन भारत के राजनीतिक विचारकों में मनु, वाल्मीकि, व्यास, कौटिल्य और शुक्र शामिल हैं। मध्यकाल में जियाउद्दीन बर्नी और अबुल फजल के विचारों पर चर्चा की गई है। आधुनिक काल में विवेकानंद, गोपाल कृष्ण गोखले, बाल गंगाधर तिलक, अरविंद और महात्मा गांधी जैसे विचारकों को शामिल किया गया है। इसके अलावा, धार्मिक और सामाजिक सुधार आंदोलनों के प्रणेता जैसे राजा राममोहन राय और स्वामी दयानंद सरस्वती का भी जिक्र किया गया है। पुस्तक में यह बताया गया है कि भारतीय राजनीतिक चिन्तन ने हमेशा नैतिकता, धर्म, स्वतंत्रता, समानता, अधिकार और कर्तव्य जैसे मूल्यों पर ध्यान केंद्रित किया है। यह चिन्तन भारतीय संस्कृति और परंपरा से प्रभावित है और अतीत की नींव पर नए भारत के निर्माण की आकांक्षा रखता है। इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि राजनीतिक विचारों में विविधता है, लेकिन सभी विचारक भारतीय संस्कृति की समृद्ध परंपरा को ध्यान में रखते हुए अपने विचारों का विकास करते हैं। अंत में, लेखक ने अपने श्रम को सफल मानते हुए पाठकों से अपेक्षा की है कि वे इस पुस्तक से लाभान्वित होंगे।
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