पृथ्वीराज रासो | Prithviraj Raso
- श्रेणी: भारत / India साहित्य / Literature
- लेखक: चंद बरदाई - Chand Bardai
- पृष्ठ : 538
- साइज: 12 MB
- वर्ष: 1906
-
-
Share Now:
दो शब्द :
इस पाठ में पृथ्वीराज रासो का वर्णन है, जिसमें युद्धों, वीरता, और सामंतों के बीच के संघर्षों का विवरण दिया गया है। पाठ में पृथ्वीराज और उनके दुश्मनों, विशेषकर शहाबुद्दीन और चालुक्य राजाओं के बीच के युद्ध की घटनाओं का उल्लेख किया गया है। पृथ्वीराज की सेना के विभिन्न सरदारों की वीरता और युद्ध कौशल को सराहा गया है, जबकि शहाबुद्दीन की विशाल सेना के खिलाफ उनकी रणनीतियों और प्रयासों का भी वर्णन किया गया है। पाठ में लड़ाइयों का क्रम, उनमें आने वाली कठिनाइयाँ, और अंततः पृथ्वीराज की विजय का उल्लेख है। इसमें विभिन्न पात्रों की भूमिकाएँ, जैसे कि अमरसिंह, चंद, और अन्य सेनापतियों का उल्लेख है, जो युद्ध के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पाठ में युद्ध की तैयारी, सेनाओं का संगठित होना, और विभिन्न घटनाओं का क्रमबद्ध वर्णन किया गया है। अंततः, पाठ का निष्कर्ष पृथ्वीराज की विजय और उनकी शक्ति के पुनः स्थापित होने पर होता है। इस प्रकार, यह पाठ वीरता, रणनीति, और युद्ध के महत्व को दर्शाता है, जिसमें राजाओं और उनके सामंतों की राजनीतिक और सैन्य गतिविधियों का विशद वर्णन किया गया है।
Please share your views, complaints, requests, or suggestions in the comment box below.