अवधी -कोष | Avadhi-Kosh
- श्रेणी: साहित्य / Literature हिंदी / Hindi
- लेखक: श्री रामाज्ञा द्विवेदी 'समीर' - Shri Ramagya Dwivedi 'Sameer'
- पृष्ठ : 252
- साइज: 24 MB
- वर्ष: 1955
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दो शब्द :
इस पाठ में "अवधी-कोष" का विवरण दिया गया है, जो जनपदीय भाषाओं के महत्व और उनके संरक्षण की आवश्यकता को दर्शाता है। कोष का संपादन श्री रामाज्ञा द्विवेदी 'समीर' द्वारा किया गया है, और इसे उनकी पत्नी स्वर्गीय सरला की स्मृति में समर्पित किया गया है। यह कोष अवधी भाषा के लगभग 14,000 मूल शब्दों को समाहित करता है, जिनमें विभिन्न उच्चारण भेद और व्याकरणिक रूप भी शामिल हैं, जिससे कुल शब्दों की संख्या 40,000 से अधिक हो जाती है। प्रकाशकीय में जनपदीय भाषाओं के शब्दकोश के महत्व को रेखांकित किया गया है, यह बताते हुए कि ऐसे शब्दों के समावेश से हिंदी की शब्दावली में वृद्धि होगी और यह भाषा को अधिक समृद्ध बनाएगी। कोष में मुहावरे, लोकोक्तियां, और कवियों के उद्धरण भी शामिल हैं, जो इसे और अधिक उपयोगी बनाते हैं। कोष का संपादन एक प्रारंभिक प्रयास है, लेकिन इसमें प्रस्तुत सामग्री की प्रचुरता और मूल्य इसे अन्य भाषाओं के कोषकारों के लिए भी मार्गदर्शक बनाती है।
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