भारत का प्राचीन इतिहास | Bharat Ka Prachin Itihas

By: सत्यकेतु विद्यालंकार - SatyaKetu Vidyalankar
भारत का प्राचीन इतिहास | Bharat Ka Prachin Itihas by


दो शब्द :

इस पाठ का उद्देश्य भारत के प्राचीन इतिहास को एक व्यापक और व्यवस्थित रूप में प्रस्तुत करना है। लेखक सत्यकेतु विद्यालंकार ने इस पुस्तक को विशेष रूप से कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए लिखा है, ताकि उन्हें प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति और जीवन के बारे में गहन ज्ञान मिल सके। उन्होंने इस पुस्तक में कई विवादित विषयों और विभिन्न ऐतिहासिक मतों का उल्लेख किया है, ताकि पाठकों को एक समग्र दृष्टिकोण मिल सके। लेखक ने बताया है कि प्राचीन भारत का इतिहास भगवान बुद्ध के समय से नहीं, बल्कि इससे कहीं पहले के काल से शुरू होता है। उन्होंने सिन्धु-घाटी की सभ्यता के अवशेषों के माध्यम से भारत के इतिहास को प्राचीन ईजिप्ट और सुमेरिया के इतिहास के साथ जोड़ते हुए दिखाया है। इस पुस्तक में प्राचीन भारतीय सभ्यता, संस्कृति, राजनीतिक घटनाएँ, और आर्थिक जीवन का विश्लेषण किया गया है। पुस्तक में विभिन्न अध्यायों के माध्यम से भारत की भौगोलिक स्थिति, प्राचीन साहित्य, पुरातात्त्विक अवशेष, आर्य और अन्य जातियों का आगमन, और प्राचीन भारतीय समाज की संरचना का विवरण दिया गया है। लेखक ने सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन के विभिन्न पहलुओं को भी छुआ है, जिससे पाठक प्राचीन भारत की जीवंतता और विविधता को समझ सकें। लेखक ने यह भी स्पष्ट किया है कि पुस्तक में कुछ प्राचीन ग्रंथों का उल्लेख नहीं किया गया है, ताकि पुस्तक का आकार अधिक न बढ़े। इसके बावजूद, उन्होंने पाठकों को आश्वासन दिया है कि यह पुस्तक उन्हें प्राचीन भारतीय इतिहास के बारे में एक स्पष्ट और क्रमबद्ध ज्ञान प्रदान करेगी।


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