भाषाविज्ञान | Bhasha Vigyan

By: डॉ भोलानाथ तिवारी - Dr. Bholanath Tiwari
भाषाविज्ञान | Bhasha Vigyan by


दो शब्द :

भाषाविज्ञान पर आधारित इस पुस्तक का उद्देश्य भाषा के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करना और उसे समझाना है। लेखक डॉ. भोलानाथ तिवारी ने इस क्षेत्र में अपने गुरु स्वर्गीय धीरेन्द्र वर्मा के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की है। इस पुस्तक में सामान्य भाषाविज्ञान, व्यावहारिक भाषाविज्ञान, कोश, और भाषाविज्ञान का इतिहास जैसे विभिन्न विषयों का समावेश किया गया है। पुस्तक में भाषा की परिभाषा, मानव भाषा और अन्य जीवों की भाषाओं के बीच के अंतर, और भाषा के अभिलक्षणों पर चर्चा की गई है। लेखक ने भाषा की उत्पत्ति के विभिन्न सिद्धांतों का भी उल्लेख किया है, जैसे विकासवादी सिद्धांत, अनुकरण सिद्धांत, और संगीत सिद्धांत, जो भाषा के विकास और उसके सामाजिक और सांस्कृतिक संदर्भ को समझने में मदद करते हैं। इसमें भाषाओं का वर्गीकरण, जैसे महाद्वीप, देश, और परिवार के आधार पर किया गया है। भारतीय भाषाविज्ञान और आधुनिक भाषाओं का भी उल्लेख है, जिसमें हिंदी भाषा का विशेष स्थान है। पुस्तक में विभिन्न भाषाओं की विशेषताएँ, उनके विकास के चरण, और भाषाओं के बीच के संबंधों का विश्लेषण किया गया है। लेखक ने भाषाविज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों की जानकारी प्रदान की है, जैसे ध्वनिविज्ञान, अर्थविज्ञान, और वाक्यविज्ञान, जो भाषाओं की संरचना और उनके उपयोग को समझने में महत्वपूर्ण हैं। इस पुस्तक का उद्देश्य पाठकों को भाषा के जटिल और विविध पहलुओं से अवगत कराना है, ताकि वे भाषा की गहराई और उसकी सामाजिक भूमिका को समझ सकें।


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