प्रेमगाथा संग्रह | Premgatha Sangrah
- श्रेणी: काव्य / Poetry साहित्य / Literature
- लेखक: गुलाबराय - Gulabray
- पृष्ठ : 412
- साइज: 15 MB
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दो शब्द :
इस पाठ में हिंदी कविता की एक विशेष परंपरा, प्रेमगाथाकाव्य, और इसके कवियों की कृतियों का संकलन प्रस्तुत किया गया है। हिंदुस्तानी एकेडेमी ने इस प्रकार की कविता के प्रमुख कवियों का संकलन प्रकाशित किया, जिसका संपादन स्वर्गीय श्री गणेशप्रसाद द्विवेदी ने किया। पहले संस्करण की सफलता के बाद, इस संग्रह का दूसरा संस्करण प्रकाशित किया गया है, जिसमें कई सुधार और नई सामग्री जोड़ी गई है। पुस्तक की प्रस्तावना में प्रेममागी कवियों के महत्व और उनके योगदान की चर्चा की गई है। इन कवियों ने प्रेम और मानवता की भावना को अपने काव्य में व्यक्त किया है। इस संस्करण में कवियों की जीवनियाँ और उनकी रचनाओं का विवेचन किया गया है, जिससे पाठकों को उनके काव्य का संदर्भ समझने में मदद मिलेगी। इस संग्रह में प्रमुख कवियों जैसे जायसी, उसमान, आलम, नूर मोहम्मद, और शेख निसार की रचनाएँ शामिल हैं। इन कवियों ने प्रेम की गहराई और सामाजिक समरसता को अपने काव्य में प्रस्तुत किया है। पाठ में यह भी उल्लेख है कि सूफी कवियों ने प्रेम की अभिव्यक्ति को अपने साधना का प्रमुख तत्व बनाया और उन्होंने धार्मिक कट्टरता से ऊपर उठकर प्रेम की सच्चाई को दर्शाया। इस प्रकार, यह पाठ हिंदी प्रेमगाथाकाव्य के महत्व, उसके कवियों की भूमिका, और उनके काव्य की विशेषताओं पर प्रकाश डालता है, जो न केवल साहित्यिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज में प्रेम और सद्भाव की भावना को भी बढ़ावा देता है।
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