आलेखन कला | Aalekhan kala
- श्रेणी: साहित्य / Literature
- लेखक: देवकीनंदन शर्मा - Devakinandan Sharma
- पृष्ठ : 162
- साइज: 4 MB
- वर्ष: 1948
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दो शब्द :
यह पाठ सरकारी कार्यालयों की कार्यपद्धति पर केंद्रित है, जिसमें हिंदी में "आलेखन कला" के महत्व को बताया गया है। लेखक श्री देवकीनंदन शर्मा ने सरकारी कार्यों को हिंदी में करने के संबंध में कर्मचारियों को आने वाली कठिनाइयों का उल्लेख किया है। उन्होंने इस पुस्तक की रचना का उद्देश्य उन कठिनाइयों को दूर करना बताया है। पाठ में कार्यप्रणाली की विभिन्न सीढ़ियों का विवरण दिया गया है, जो सरकारी कार्यालयों में पत्रों के निष्पादन में सहायक होती हैं। इसमें निर्दिष्टकरण, प्राप्ति-लेखन, नत्थीकरण और सूचीकरण की प्रक्रियाओं का विस्तृत वर्णन किया गया है। यह बताया गया है कि कैसे प्राप्त पत्रों का प्राथमिकता के अनुसार वर्गीकरण किया जाता है और किस प्रकार से उन्हें उचित कर्मचारियों के पास भेजा जाता है, ताकि कार्य प्रभावी ढंग से संपन्न हो सके। इसमें कार्य विभाजन की तकनीकों का भी उल्लेख है, जिसमें विषय के आधार पर या समान रूप से कार्य का आवंटन किया जाता है। यह भी बताया गया है कि नत्थियों का रखरखाव कैसे किया जाता है और पुराने पत्रों का संदर्भ प्राप्त करने के लिए किस प्रकार से सूचीकरण किया जाता है। सारांश में, यह पाठ सरकारी कार्यों की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और हिंदी में कार्य करने की आवश्यकता को दर्शाता है, ताकि सरकारी कार्य अधिक प्रभावी और सरल हो सकें।
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