नीना | Neena

- श्रेणी: साहित्य / Literature
- लेखक: अमृता प्रीतम - Amrita Pritam
- पृष्ठ : 154
- साइज: 5 MB
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दो शब्द :
इस पाठ में एक फौजी की कहानी है, जो अपने बीमार बच्चे के साथ डाक्टर सलूजा के बंगले के सामने खड़ा है। रात का समय है और फौजी अपने बच्चे के लिए मदद मांगने आया है। उसका बच्चा बीमार है और उसकी मां का हाल ही में निधन हो गया है। फौजी की स्थिति बहुत कठिन है, क्योंकि उसे युद्ध पर लौटना है और उसके पास बच्चे की देखभाल करने वाला कोई नहीं है। जब फौजी डाक्टर से मिलता है, तो वह अपने बच्चे की देखभाल के लिए अस्पताल में भर्ती करवाने की प्रार्थना करता है। डाक्टर बताता है कि अस्पताल में केवल अनाथ बच्चों को रखा जाता है, और उसके बच्चे की स्थिति गंभीर है। डाक्टर की पत्नी राजवंती भी बच्चे की देखभाल करने में असमर्थता जताती है, क्योंकि वह किसी बच्चे की मौत नहीं देख सकती। फौजी अपने बच्चे को डाक्टर के हवाले करते समय बहुत भावुक हो जाता है। वह अपनी मजबूरी और दयनीय स्थिति का वर्णन करता है, और अंततः राजवंती बच्चे को अपने पास लेने के लिए राजी हो जाती है। फौजी बच्चे को छोड़कर जाता है, यह सोचते हुए कि अगर वह युद्ध में मारा गया, तो कम से कम उसका बच्चा सुरक्षित रहेगा। यह कहानी मानवीय संवेदनाओं, माता-पिता के प्रेम और युद्ध के समय में परिवार के बिखरने की पीड़ा को दर्शाती है। फौजी की विवशता और उसकी प्रार्थना पाठ को गहराई देती है, जो यह दिखाती है कि कैसे एक पिता अपने बच्चे के लिए संघर्ष कर रहा है।
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