विश्व सुक्ति कोश | Vishva Sukti Kosh

- श्रेणी: काव्य / Poetry भाषा / Language शब्दकोष/ Dictionary
- लेखक: डॉ. श्याम बहादुर वर्मा - Dr. Shyam Bahadur Verma
- पृष्ठ : 579
- साइज: 42 MB
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दो शब्द :
इस पाठ में भारतीय संस्कृति, वेद, महाभारत, और अन्य प्राचीन ग्रंथों से विभिन्न उद्धरणों के माध्यम से 'रक्षा' और 'रस' के महत्व पर प्रकाश डाला गया है। रक्षा का अर्थ केवल भौतिक सुरक्षा नहीं है, बल्कि यह ज्ञान, धर्म, और सदाचार के माध्यम से भी होती है। वेदव्यास और चाणक्य के उद्धरण यह बताते हैं कि धन, धर्म, विद्या, और सदाचार सभी की रक्षा करनी चाहिए। 'रस' की अवधारणा को भी गहराई से समझाया गया है। यह काव्य और साहित्य का अभिन्न हिस्सा है, जो भावनाओं और अनुभवों को व्यक्त करने में सहायक होता है। विभिन्न प्रकार के रस जैसे मधुर, अम्ल, कटु आदि का उल्लेख किया गया है, और यह समझाया गया है कि रस केवल बाहरी वस्तुओं में नहीं, बल्कि कवि की वाणी में भी होना चाहिए। इसके अलावा, रहस्यवाद भी एक महत्वपूर्ण विषय है। यह बताता है कि जीवन में जो अदृश्य और अज्ञात है, उसकी खोज और अनुभव करना महत्वपूर्ण है। रहस्यवादी कविता के माध्यम से आत्मा की गहराई और मानव अनुभव की विविधता को उजागर करने का प्रयास किया गया है। कुल मिलाकर, यह पाठ भारतीय संस्कृति में सुरक्षा, रस, और रहस्यवाद के महत्व को दर्शाता है और बताता है कि ये सभी तत्व जीवन को समृद्ध बनाते हैं।
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