पंचतंत्र | Panchtantra

By: डॉ. मोतीचन्द्र - Dr. Moti Chandra
पंचतंत्र | Panchtantra by


दो शब्द :

इस पाठ में एक भील की कथा है जो शिकार के लिए जंगल में जाता है। वहां उसे एक सूअर मिलता है, जिसे वह मारने की कोशिश करता है, लेकिन सूअर भी उसे घायल कर देता है, और अंततः दोनों मर जाते हैं। इसके बाद एक सियार, जो भूखा है, उस स्थान पर आता है और सूअर और भील की लाशें देखकर सोचता है कि यह उसके लिए अच्छा भाग्य है। वह योजना बनाता है कि वह धीरे-धीरे धनुष की डोरी खाकर अपने लिए भोजन जुटाएगा, लेकिन उसकी लालच उसे मार देती है। कथा में एक ब्राह्मण और उसकी पत्नी के बीच बातचीत होती है। ब्राह्मणी अपने घर में मौजूद तिलों को छांटकर ब्राह्मण को भोजन कराने की योजना बनाती है। लेकिन तिलों के साथ एक कुत्ता पेशाब कर देता है, जिससे वे खाने योग्य नहीं रह जाते। ब्राह्मणी तिलों को बेचने का प्रयास करती है, लेकिन उसके पुत्र की चतुराई के कारण वह धोखा खा जाती है। कथा आगे बढ़ती है, जहां चूहों का एक समूह अपने खजाने के लिए खुदाई करता है और एक चूहा अपने बुद्धिमान मित्र के साथ धन की तलाश में जाता है। अंत में, चूहा धन के बिना अपने जीवन को अपमानजनक मानता है और गरीबी के दुखों का अनुभव करता है। पाठ में यह संदेश है कि धन की कमी व्यक्ति को अपमानित और कमजोर बनाती है, और धनी व्यक्ति को ही समाज में मान्यता प्राप्त होती है। इस प्रकार, यह कथा लालच, बुद्धिमत्ता और धन के महत्व पर प्रकाश डालती है।


Please share your views, complaints, requests, or suggestions in the comment box below.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *