काव्य शास्त्र | Kavya Shastra

- श्रेणी: संस्कृत /sanskrit साहित्य / Literature
- लेखक: हजारी प्रसाद द्विवेदी - Hazari Prasad Dwivedi
- पृष्ठ : 599
- साइज: 11 MB
- वर्ष: 1966
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दो शब्द :
पंडित जगन्नाथ तिवारी का अभिनंदन समारोह आगरा कॉलेज में आयोजित किया गया, जिसमें उनके शिक्षण कार्य और काव्यशास्त्र में योगदान को सराहा गया। पंडित तिवारी ने 1823 में स्थापित इस प्रतिष्ठित संस्थान में अनेक विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की, जो अब विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं। समारोह के आयोजन का उद्देश्य पंडित जी के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करना था। इस ग्रंथ का संपादन एक समिति द्वारा किया गया, जिसमें भारतीय और पाश्चात्य काव्य सिद्धांतों पर निबंध शामिल हैं। पंडित तिवारी का काव्यालोचन में गहरा संबंध रहा है, इसलिए उन्हें इसी विषय पर सम्मानित किया गया। ग्रंथ के पहले खंड में पंडित जी का जीवन परिचय है और दूसरे खंड में काव्यशास्त्र पर विभिन्न विद्वानों के निबंध हैं। भारत में काव्यशास्त्र की एक प्राचीन परंपरा है, जिसमें संस्कृत के मौलिक तत्वों की व्याख्या की गई है। हाल के वर्षों में, नए दृष्टिकोणों के माध्यम से भारतीय काव्य सिद्धांतों को पुनर्व्याख्यायित करने का प्रयास हुआ है। इस संदर्भ में, पंडित तिवारी के योगदान को महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि उन्होंने नई और पुरानी काव्यधाराओं के बीच समन्वय स्थापित करने का काम किया है। समारोह में विभिन्न विद्वानों और शिक्षकों ने पंडित तिवारी की शिक्षण शैली और उनकी विद्या के प्रति समर्पण पर प्रकाश डाला। इस प्रकार, यह समारोह न केवल पंडित जी का सम्मान था, बल्कि भारतीय साहित्य और संस्कृति की समृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण पहल भी थी।
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