कला पुरोहित | Kala Purohit

- श्रेणी: इतिहास / History उपन्यास / Upnyas-Novel
- लेखक: अमृतलाल नागर - Amritlal Nagar
- पृष्ठ : 118
- साइज: 3 MB
- वर्ष: 1945
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दो शब्द :
इस पाठ में 16वीं सदी के अंत में रूसी साहित्य में यथार्थवाद के उदय और उसके प्रमुख लेखकों का उल्लेख किया गया है। यह युग तुर्गनेव, डोस्टावेस्की, टाल्सटाय, और चेखोव जैसे लेखकों द्वारा चिह्नित है। चेखोव को इस युग का अंतिम महान लेखक माना जाता है, और उनकी रचनाएँ यथार्थवाद के सिद्धांतों को दर्शाती हैं। पाठ में चेखोव के जीवन, उनके प्रारंभिक दिनों, और साहित्य में उनके योगदान पर प्रकाश डाला गया है। चेखोव का जन्म 1860 में हुआ था और वह एक साधारण किसान परिवार से थे। उन्होंने चिकित्सा की पढ़ाई की, लेकिन लेखन में अधिक रुचि दिखाई। उनकी पहली रचनाएँ 14 साल की उम्र में प्रकाशित हुई थीं और उनकी लेखनी में धीरे-धीरे निपुणता आई। पाठ में चेखोव की लेखन शैली का भी वर्णन है, जिसमें उनके पात्रों की भावनाओं का विश्लेषण न कर, केवल घटनाओं के माध्यम से व्यक्त करने की उनकी विशेषता शामिल है। चेखोव ने कई नाटक भी लिखे और उनकी रचनाएँ विश्व के कई भाषाओं में अनुवादित हुईं। अंत में, चेखोव के जीवन की कठिनाइयों, उनकी स्वास्थ्य समस्याओं और शराब के प्रति उनके झुकाव का भी उल्लेख किया गया है। उन्होंने अपने जीवन के अंतिम दिनों में एक शांतिपूर्ण स्थान की तलाश की, जहाँ उन्होंने अपने जीवन की कठिनाइयों से दूर रहने का प्रयास किया। चेखोव का देहांत 1904 में हुआ।
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