शूल निदान चिकित्सा | Shul Nidan Chikitsa

By: दाऊदयाल गर्ग - Daudayal Garg
शूल निदान चिकित्सा | Shul Nidan Chikitsa by


दो शब्द :

इस पाठ में वैद्य अशोक भाई तलाविया भारद्वाज के कार्यों और उनके योगदान का उल्लेख किया गया है। उन्होंने आयुर्वेद के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए हैं और उनके लेख विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं। उन्होंने 'पुरप रोग चिझ्रित्साक' और 'आयुर्वेद गृप्त रहस्थाक' जैसे महत्वपूर्ण ग्रंथों का संपादन किया है, जिन्हें भारतीय आयुर्वेद में मान्यता प्राप्त है। पाठ में आयुर्वेद की चिकित्सा पद्धतियों का उल्लेख किया गया है, जिसमें विभिन्न रोगों का निदान और उपचार किया जाता है। लेखक ने आयुर्वेद के विकास में योगदान देने वाले विद्वानों को धन्यवाद दिया है और आयुर्वेद के प्रति अपनी निष्ठा प्रकट की है। पाठ में यह भी बताया गया है कि कैसे विभिन्न विद्वानों ने आयुर्वेद के विभिन्न पहलुओं पर लेखन किया है और यह ज्ञान अन्य लोगों तक पहुंचाने का कार्य किया है। अंत में, लेखक ने अपने माता-पिता के प्रति सम्मान व्यक्त किया है और भगवान धन्वन्तरि से प्रार्थना की है कि वे हमेशा स्वस्थ रहें और आयुर्वेद के क्षेत्र में कार्य करते रहें।


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