दो शब्द :

इस पाठ में मुंशी देवीप्रसादजी मुसिफ का परिचय और उनके ऐतिहासिक ग्रंथों के प्रकाशन की प्रक्रिया का वर्णन किया गया है। वे भारतीय इतिहास के विशेष रूप से मुस्लिम काल के बड़े ज्ञाता थे और उन्होंने हिंदी में कई उपयोगी ऐतिहासिक ग्रंथ लिखे। उनकी इच्छा थी कि हिंदी में ऐतिहासिक पुस्तकों का प्रकाशन किया जाए, जिसके लिए उन्होंने एक राशि बंबई विश्वविद्यालय की सभा को दी, ताकि उनके नाम से एक ऐतिहासिक पुस्तक माला प्रकाशित की जा सके। इस पुस्तक माला में राजाओं और उनके वंशजों की वंशावली का विस्तृत विवरण दिया गया है, जिसमें विभिन्न राजाओं जैसे पृथ्वीराज, कुंभा, बलभद्र आदि का उल्लेख किया गया है। पाठ में विभिन्न राजाओं और उनके वंशजों के नाम, उनकी विशेषताएँ और उनके वंशों के संबंध में जानकारी दी गई है। पाठ में जोधपुर और अन्य क्षेत्रों के राजाओं के वंशों का भी उल्लेख है, जिससे पाठक को राजपूतों की इतिहास और संस्कृति का बेहतर ज्ञान प्राप्त होता है। कुल मिलाकर, यह पाठ इतिहास के प्रति प्रेम और उसकी अध्ययन की प्रेरणा देता है, साथ ही हिंदी में ऐतिहासिक ग्रन्थों के महत्व को भी उजागर करता है।


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