भावप्रकाश | Bhavprakash

- श्रेणी: Ayurveda | आयुर्वेद Health and Wellness | स्वास्थ्य
- लेखक: अज्ञात - Unknown
- पृष्ठ : 694
- साइज: 47 MB
- वर्ष: 1961
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दो शब्द :
गोरोचन एक प्रकार का पदार्थ है जो गाय या बैल के पित्ताशय से निकलता है। इसका आकार गोल या त्रिकोणाकार होता है और यह मुलायम, थोड़ा कड़वा तथा सुगंधित होता है। गोरोचन का उपयोग औषधीय गुणों के लिए किया जाता है, जैसे कि इसे उन्माद, अपस्मार, आक्षिप, और अन्य रोगों के उपचार में प्रयोग किया जाता है। इसकी शीतलता, सुगंधि, और अन्य गुण इसे औषधियों में महत्वपूर्ण बनाते हैं। गोरोचन का मिश्रण बनाकर नकली गोरोचन भी तैयार किया जाता है। यह औषधीय उपयोग के अलावा, कुछ तंत्र-मंत्र में भी इस्तेमाल होता है। इसके अलावा, गोपित्त, जो गाय या बैल का शुद्ध पित्त होता है, का भी चिकित्सा में विशेष उपयोग है। गोरोचन का स्वाद कड़वा होता है और यह पाचन में सहायता करता है। नख और नखी भी एक प्रकार के सुगंधित द्रव्यों में शामिल हैं। नख एक समुद्री जीव का आवरण होता है और इसे विभिन्न रोगों के उपचार में उपयोग किया जाता है। इसके गुणों में कफ, वात, रक्तविकार, ज्वर, और अन्य रोगों को दूर करने की क्षमता शामिल है। इन दोनों द्रव्यों का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में विभिन्न प्रकार के विकारों के उपचार में किया जाता है, जिससे इनके महत्व का पता चलता है।
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