बृहज्जातकम् | Brihajjatakam
- श्रेणी: ग्रन्थ / granth धार्मिक / Religious संस्कृत /sanskrit
- लेखक: अवन्तिका आचार्य वराहमिहिर - Avantika Acharya Varahamihira पंडित महीधर - Pandit Mahidhar
- पृष्ठ : 246
- साइज: 9 MB
-
-
Share Now:
दो शब्द :
यह पाठ विभिन्न ज्योतिषीय विषयों और ग्रहों के प्रभाव के बारे में जानकारी प्रस्तुत करता है। इसमें जातक, ग्रहों, और विभिन्न नक्षत्रों के जन्म, स्थिति और उनके फल के बारे में विस्तृत चर्चा की गई है। यह पाठ ज्योतिष विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को उजागर करता है, जैसे कि जन्म के समय ग्रहों की स्थिति का व्यक्ति के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है। पाठ में विभिन्न प्रकार के ज्ञान का उल्लेख किया गया है, जिसमें मित्रों के प्रकार, जन्म के समय ग्रहों की स्थिति, ग्रहों के प्रभाव, तथा विभिन्न योगों का विवरण शामिल है। प्रत्येक अध्याय में अलग-अलग विषयों पर चर्चा की गई है, जैसे कि जन्म के समय की स्थिति, ग्रहों का प्रभाव, और ज्योतिषीय गणनाएँ। पाठ में यह भी बताया गया है कि कैसे ग्रहों की स्थिति और योग व्यक्ति के जीवन में सुख-दुख, आयु, और अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं को प्रभावित कर सकते हैं। इसके साथ ही, विभिन्न नक्षत्रों की विशेषताओं और उनके अनुसार व्यक्तियों के गुणों और जीवन में आने वाली परिस्थितियों का विश्लेषण भी प्रस्तुत किया गया है। सारांश में, यह पाठ ज्योतिष के महत्व को दर्शाता है और यह बताता है कि कैसे जन्म के समय ग्रहों की स्थिति और नक्षत्रों का ज्ञान जीवन की दिशा को निर्धारित कर सकता है।
Please share your views, complaints, requests, or suggestions in the comment box below.