भारतीय पुरातत्व | Bhartiya Puratatva

- श्रेणी: इतिहास / History जीवनी / Biography भारत / India
- लेखक: आचार्य जिनविजय मुनि - Achary Jinvijay Muni
- पृष्ठ : 443
- साइज: 17 MB
- वर्ष: 1969
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दो शब्द :
इस पाठ में मुनि जिनविजय जी के योगदान और उनके सम्मान में एक अभिनंदन ग्रंथ के प्रकाशन की प्रक्रिया का विवरण दिया गया है। मुनि जिनविजय भारतीय पुरातत्व और प्राच्य विद्या के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध विद्वान हैं, जिन्होंने अपने जीवन को इन विषयों की सेवा में समर्पित किया है। उनके कार्यों में प्राचीन ग्रंथों का संरक्षण, प्रकाशन और विद्या के क्षेत्र में योगदान शामिल है। यह ग्रंथ मुनि जिनविजय की सेवाओं का सम्मान करने के लिए तैयार किया गया है, जिसमें विभिन्न विद्वानों के लेख शामिल हैं। लेखकों ने इस ग्रंथ के लिए अपना अमूल्य समय दिया, और यह ग्रंथ विभिन्न भाषाओं में है, जो भारतीय प्राचीन विद्याओं में रुचि रखने वालों के लिए उपयोगी होगा। पाठ में यह भी उल्लेख है कि मुनि जिनविजय ने राष्ट्रीय आंदोलन में भी भाग लिया और उन्हें विभिन्न सम्मान मिले। इस ग्रंथ के प्रकाशन में कई कठिनाइयाँ आईं, लेकिन अंततः इसे प्रकाशित किया गया। पाठ में यह भी स्पष्ट किया गया है कि मुनि जिनविजय के प्रति आदर और श्रद्धा व्यक्त करने के लिए यह ग्रंथ महत्वपूर्ण है, और उनके कार्यों का मूल्यांकन करने का प्रयास किया गया है। सारांश में, यह पाठ मुनि जिनविजय के जीवन, कार्य और उन्हें दिए गए सम्मान का एक संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत करता है, जिसमें उनके योगदान को सराहा गया है और उनकी विद्वता की प्रशंसा की गई है।
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