चौहान कुल कल्पद्रुम | Chauhan Kul Kalpadrum

By: न्यायरत्न-देसाई-लल्लीभाई - Nyayaratna-Desai-Lallibhai
चौहान कुल कल्पद्रुम | Chauhan Kul Kalpadrum by


दो शब्द :

यह पाठ "चौहान कुल कल्पद्रुम" नामक ग्रंथ का परिचय और उसका महत्व बताता है। लेखक ने इस ग्रंथ के माध्यम से चौहान वंश के राजपूतों की वीरता, स्वाभिमान और गरिमा को उजागर किया है। यह माना जाता है कि चौहान वंश ने भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है। लेखक ने इस वंश के राजपूतों की प्रशंसा के लिए कई काव्य रचनाओं और गीतों का उल्लेख किया है, जो इस गौरवशाली वंश के इतिहास को संजोते हैं। लेखक ने इस ग्रंथ को सिरोही रियासत के महाराजा के चरणों में समर्पित किया है और इसमें उनके प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने यह भी बताया है कि यह ग्रंथ चौहान वंश के महान व्यक्तियों की अमर कीर्ति को उजागर करने के लिए लिखा गया है। ग्रंथ का उद्देश्य है कि आने वाली पीढ़ियाँ इस वंश के गौरव को जानें और समझें। इस प्रकार, यह पाठ चौहान वंश के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है और इसे एक महत्वपूर्ण साहित्यिक कृति के रूप में प्रस्तुत करता है।


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