प्राचीन भारत का साहित्यिक एवं सांस्कृतिक इतिहास | Literary and Cultural History of Ancient India

- श्रेणी: Cultural Studies | सभ्यता और संस्कृति इतिहास / History भारत / India साहित्य / Literature
- लेखक: निर्नजन सिंह - Nirnjan Singh
- पृष्ठ : 337
- साइज: 14 MB
- वर्ष: 1958
-
-
Share Now:
दो शब्द :
प्राचीन भारत का साहित्यिक और सांस्कृतिक इतिहास 3000 ई. पू. से 783 ई. तक फैला हुआ है। इसमें वैदिक साहित्य, पौराणिक साहित्य, शास्त्रीय साहित्य और लौकिक साहित्य का समावेश है। वैदिक साहित्य की शुरुआत ऋग्वेद से होती है, उसके बाद यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद की रचनाएँ हुईं। इसके बाद ब्राह्मण ग्रंथों और आरण्यकों का युग आता है, जिसमें उपनिषद भी शामिल हैं। लौकिक संस्कृत में रामायण और महाभारत प्रमुख ग्रंथ हैं, जो भारतीय संस्कृति के आधार स्तंभ माने जाते हैं। इसके अलावा, नाटक, महाकाव्य, गद्य-साहित्य, और आख्यान साहित्य का विकास भी हुआ। कालिदास, भवभूति और विशाखदत्त जैसे नाटककारों ने महत्वपूर्ण रचनाएँ कीं। दर्शन, धर्म, अर्थ, और विज्ञान जैसे शास्त्रीय साहित्य का भी प्रचुरता से विकास हुआ। भारतीय दर्शन में सांख्य, योग, न्याय, वैशेषिक, मीमांसा और वेदान्त प्रमुख हैं। "मनुस्मृति" और "अर्थशास्त्र" जैसे ग्रंथ धर्म और अर्थ का मार्गदर्शन करते हैं। प्राचीन भारत की सांस्कृतिक धारा वैदिक युग से लेकर भक्ति आंदोलन तक फैली है। वैदिक साहित्य, पौराणिक ग्रंथ, बौद्ध और जैन साहित्य, तथा भक्तिकालीन ग्रंथ भारतीय संस्कृति को समझने में सहायक हैं। यह पुस्तक प्राचीन भारत के साहित्य और सांस्कृतिक इतिहास का गहन अध्ययन प्रस्तुत करती है, जिसमें ऐतिहासिक संदर्भ और विभिन्न विद्वानों के मतों का समावेश किया गया है। यह एक प्रयास है कि संस्कृत साहित्य के इतिहास को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया जा सके और उसमें विद्यमान विविधता को समझा जा सके।
Please share your views, complaints, requests, or suggestions in the comment box below.