वैद्यक रत्न संग्रह अर्थात देवी अनुभव प्रकाश | vaidyak ratn Sangrah arthart Devi Anubhav Prakash

- श्रेणी: Ayurveda | आयुर्वेद Health and Wellness | स्वास्थ्य
- लेखक: यशोदा देवी - Yashoda Devi
- पृष्ठ : 446
- साइज: 20 MB
- वर्ष: 1945
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दो शब्द :
इस पाठ में भारत के कनेलगंज इलाहाबाद की प्रसिद्ध चिकित्सक, श्रीमती बशोदा देवी द्वारा लिखी गई औषधियों के विभिन्न नुस्खों का वर्णन किया गया है। इसमें विभिन्न औषधियों के सेवन से होने वाले लाभ और उनके उपयोग की विधि दी गई है। पाठ में बताया गया है कि कैसे विभिन्न जड़ी-बूटियों और औषधियों का संयोजन कर विभिन्न रोगों का उपचार किया जा सकता है, जैसे कि कमर के दर्द, पित्तशूल, कफ विकार, प्रमेह, और मेद रोग। प्रत्येक रोग के लिए अलग-अलग औषधियों का काढ़ा बनाने की विधि दी गई है। उदाहरण के लिए, पित्तशूल के लिए हरड़, बहेड़ा, आमला और अमुकताख का काढ़ा बनाकर सेवन करने की सलाह दी गई है। इसी तरह, प्रमेह रोग के लिए भी विभिन्न जड़ी-बूटियों के मिश्रण का उल्लेख किया गया है। इसके अतिरिक्त, पाठ में यह भी जानकारी दी गई है कि किस प्रकार से जीवनशैली में बदलाव करने से स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। खान-पान की आदतों, जैसे कि ताजे फल, सब्जियाँ और उचित मात्रा में पानी का सेवन, को प्राथमिकता देने के लिए कहा गया है। पाठ का समग्र उद्देश्य पाठकों को प्राकृतिक चिकित्सा के लाभों के बारे में जागरूक करना और उन्हें बीमारियों से बचने के लिए सरल, प्राकृतिक और प्रभावी उपाय प्रदान करना है।
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