पश्चिमी भारत की यात्रा | Travel in Western India

By: कर्नल टॉड - Karnal Tod केशव कुमार ठाकुर - Keshav Kumar Thakur
पश्चिमी भारत की यात्रा | Travel  in Western India by


दो शब्द :

यह पाठ कर्नल जेम्स टॉड की पुस्तक "पश्चिमी भारत की यात्रा" का अनुवाद है, जो उनकी दूसरी महत्वपूर्ण रचना है। लेख में अनुवादक केशवकुमार ठाकुर ने टॉड के कार्य और उनके ऐतिहासिक ग्रंथों का उल्लेख किया है। टॉड का जन्म 1800 में इंग्लैंड में हुआ और वे भारतीय सेना में शामिल होकर भारत आए। उन्होंने राजस्थान और मध्य भारत की यात्रा की, जहां उन्होंने प्राचीन स्थलों और उनके निवासियों के बारे में जानकारी एकत्र की। टॉड ने अपने कार्य के दौरान कई भाषाएँ सीखी और स्थानीय लोगों के साथ संवाद स्थापित किया। उन्होंने प्राचीन शिला-लेखों और अन्य ऐतिहासिक दस्तावेजों का संग्रह किया, जिससे उन्हें राजपूत राज्यों के इतिहास की गहन जानकारी मिली। वे एक न्यायप्रिय और निष्पक्ष अधिकारी के रूप में जाने गए और भारतीय संस्कृति के प्रति उनकी गहरी रुचि थी। हालांकि, टॉड को अपने प्रबंधन के तरीके के कारण अंग्रेजी सरकार से संदेह का सामना करना पड़ा, जिसके चलते उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया लेकिन अपने ऐतिहासिक कार्य को जारी रखा। उन्होंने अपने जीवन के 22 वर्षों में भारत में रहते हुए कई महत्वपूर्ण स्थानों की यात्रा की और उनके बारे में गहन जानकारी संकलित की। उनका कार्य भारतीय इतिहास के अध्ययन में महत्वपूर्ण योगदान देता है और उनके दृष्टिकोण और अध्ययन की विधि ने उन्हें एक महान इतिहासकार बना दिया।


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