माँ मक्सिम गोर्की | Maa Maxim Gorky

- श्रेणी: उपन्यास / Upnyas-Novel
- लेखक: मक्सिम गोर्की - maxim gorki
- पृष्ठ : 448
- साइज: 2 MB
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दो शब्द :
माँ उपन्यास, जिसे मक्सिम गोर्की ने लिखा है, रूसी साहित्य में एक महत्वपूर्ण कृति मानी जाती है। यह पुस्तक 1907 में प्रकाशित हुई, जब गोर्की एक परिपक्व लेखक थे और उन्होंने पहले ही कई रचनाएँ लिखी थीं। गोर्की की सामाजिक जागरूकता और क्रांतिकारी दृष्टिकोण ने उन्हें जारशाही के उत्पीड़न का शिकार बनाया, लेकिन वे अपने लेखन और राजनीतिक सक्रियताओं में लगे रहे। उपन्यास ने मजदूर वर्ग की समस्याओं को उजागर किया और उन्हें एक प्रेरणादायक शक्ति के रूप में प्रस्तुत किया। गोर्की ने पारंपरिक रूसी उपन्यास को नई जमीन पर स्थापित किया, जिसमें उन्होंने मजदूर वर्ग के नायक को समाज के अन्याय के खिलाफ लड़ने वाला व्यक्ति दिखाया। गोर्की का लेखन न केवल रूसी साहित्य के सामाजिक परंपराओं को समेटता है, बल्कि वह नवाचार का भी प्रतीक है। गोर्की की कृतियाँ मानवता के सवालों को उठाती हैं और व्यक्ति के अधिकारों एवं कर्तव्यों पर ध्यान केंद्रित करती हैं। उन्होंने अपने लेखन के माध्यम से न केवल रूसी समाज को, बल्कि मानवता को भी समझने का प्रयास किया। गोर्की की लेखनी में सामाजिक जागरूकता और क्रांतिकारी विचारधाराएँ स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैं, जो उन्हें महान रूसी लेखकों की श्रेणी में खड़ा करती हैं। उनकी रचनाएँ, विशेषकर 'माँ', ने उन्हें विश्व भर में पहचान दिलाई और यह दिखाया कि वे न केवल एक लेखक बल्कि एक विचारक भी थे, जिन्होंने अपने समय के सामाजिक मुद्दों पर गहराई से विचार किया। गोर्की का साहित्यिक करियर उनके समय के अन्य महान लेखकों के बीच अद्वितीय था, जिससे उनकी रचनाओं की प्रभावशीलता और महत्व और भी बढ़ गया।
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