पठान | Pathaan

- श्रेणी: उपन्यास / Upnyas-Novel साहित्य / Literature हिंदी / Hindi
- लेखक: गनीखान - ganikhan
- पृष्ठ : 89
- साइज: 6 MB
- वर्ष: 1948
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दो शब्द :
इस पाठ में लेखक ग़नी खान साहब ने सीमांत प्रांत के पठानों की संस्कृति, जीवनशैली और इतिहास पर विचार किया है। वे अपने पिता, अब्दुल ग़फ्फ़ार खान, जिसे लोग "बच्चा खान" के नाम से भी जानते हैं, को समर्पित करते हैं। लेखक ने पठानों के प्रति अपने स्नेह को व्यक्त करते हुए कहा है कि पठान एक जटिल और सरल व्यक्ति है, जिसे समझना आसान नहीं है। लेखक पाठकों को पठान की वास्तविकता से परिचित कराने का प्रयास करते हैं। वे पठान के जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे उसके रीति-रिवाज, प्रेम, संघर्ष, और सामाजिक जीवन के बारे में जानकारी प्रदान करने का संकल्प लेते हैं। वे चाहते हैं कि पाठक पठान की वास्तविकता को समझें, क्योंकि भविष्य में यदि रूस का प्रभाव बढ़ता है, तो वह सबसे पहले इसी क्षेत्र में आएगा। लेखक ने पठानों की उत्पत्ति के बारे में भी चर्चा की है। वे बताते हैं कि हेरोडोटस के समय से ही पठानों का इतिहास अज्ञात रहा है, और वे यहूदी जाति से संबंधित होने की बात करते हैं। हालांकि, लेखक ने यह स्पष्ट किया है कि पठान वास्तव में यूनानी जाति का मिश्रण हैं और उनकी संस्कृति और जीवनशैली में विभिन्न जातियों का प्रभाव रहा है। पठान एक बलशाली योद्धा है, लेकिन वह सैनिक बनने में रुचि नहीं रखता। उसके स्वभाव में उदारता और दया है, लेकिन वह अपनी भावनाओं को छिपाना पसंद करता है। लेखक ने यह भी उल्लेख किया है कि पठान के सिद्धांत और विचार अद्भुत हैं, और वे जीवन, मृत्यु, पाप और पुण्य के विषय में अपने विचार साझा करते हैं। इस प्रकार, लेखक ने पठान की जटिलता और गहराई को उजागर करने का प्रयास किया है, जिससे पाठक उसकी वास्तविकता और महत्व को समझ सकें।
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