अमृता प्रीतम चुनी हुई कहानियां चुने हुए निबंध | Amrita Pritam Chunee Hui Kahaniyan Chune Hue Nibandha

By: अमृता प्रीतम - Amrita Pritam
अमृता प्रीतम चुनी हुई कहानियां चुने हुए निबंध  | Amrita Pritam Chunee Hui Kahaniyan Chune Hue Nibandha by


दो शब्द :

अमृता प्रीतम एक प्रसिद्ध लेखिका हैं, जिनका जन्म 31 अगस्त 1919 को गुज़राबाला (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उनका बचपन लाहौर में बीता और उन्होंने वहीं शिक्षा प्राप्त की। प्रीतम ने किशोरावस्था से लिखना शुरू किया और उनकी रचनाएँ कविता, कहानी, उपन्यास और निबंध के रूप में हैं। उनके पास 50 से अधिक पुस्तकें हैं, जो अनेक भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं। उन्होंने पत्रकारिता में भी रुचि दिखाई और 'तागमणि' नामक साप्ताहिक पत्रिका का संपादन किया। अमृता प्रीतम को कई पुरस्कार मिले हैं, जैसे कि अकादमी पुरस्कार, दिल्ली विश्वविद्यालय से डी लिट की उपाधि, और 1982 में उन्हें भारत का सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार, ज्ञानपीठ पुरस्कार, से सम्मानित किया गया। उनकी रचनाओं में "चुनी हुई कहानियाँ" और "चुने हुए निबंध" शामिल हैं, जो उनके साहित्यिक योगदान को दर्शाते हैं। पाठ में एक कहानी "जगली बूटी" का भी उल्लेख है, जिसमें एक अगूरी नाम की लड़की की जीवन यात्रा और उसकी सोच के बारे में बताया गया है। अगूरी की शादी के बारे में विभिन्न रिवाजों और परंपराओं का वर्णन किया गया है, जिसमें यह दर्शाया गया है कि कैसे लड़की की शादी की प्रक्रिया होती है और समाज में औरतों की स्थिति को भी उजागर किया गया है। यह कहानी न केवल विवाह की परंपराओं को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे प्रेम और सामाजिक मान्यताएँ एक महिला के जीवन को प्रभावित करती हैं। अमृता प्रीतम की रचनाएँ समाज के विभिन्न पहलुओं को सटीकता से पकड़ती हैं और उनकी लेखनी में गहराई और संवेदनशीलता झलकती है।


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