श्रीमद्भगवद्गीता | Shreemad Bhagwat Geeta

- श्रेणी: ग्रन्थ / granth धार्मिक / Religious पौराणिक / Mythological
- लेखक: श्रीपाद दामोदर सातवलेकर - Shripad Damodar Satwalekar
- पृष्ठ : 1015
- साइज: 22 MB
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दो शब्द :
इस पाठ में वेद और गीता के ज्ञान का महत्व बताया गया है। यह उल्लेख किया गया है कि वेद ज्ञान का स्त्रोत हैं और व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। गीता को भी एक महत्वपूर्ण पाठ माना गया है, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझाता है। पाठ में प्राणों के संबंध में बात की गई है, जिसमें प्राण और अपान के माध्यम से जीवन के आधारभूत तत्वों का उल्लेख है। यह भी कहा गया है कि गीता के अध्ययन से व्यक्ति को अपने कर्तव्यों का पालन करने, ज्ञान प्राप्त करने और आध्यात्मिक उन्नति करने में मदद मिलती है। साथ ही, गीता के शिक्षण में कर्मयोग, भक्ति और ज्ञान का समावेश होता है, जो व्यक्ति को अपने जीवन में संतुलन और सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। पाठ में यह भी दर्शाया गया है कि कैसे गीता के शिक्षाएं जीवन में कठिनाइयों का सामना करने और सही निर्णय लेने में सहायता करती हैं। अंत में, यह कहा गया है कि गीता का अध्ययन और इसके ज्ञान का अनुपालन व्यक्ति को आत्मज्ञान और शांति की ओर ले जाता है।
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