कायाकल्प प्रयोग की विषय सूची | Kayakalp Pryog ki Vishay Suchi

By: क्षेत्रपाल शर्मा - Kshetrapal Sharma
कायाकल्प प्रयोग की विषय सूची | Kayakalp Pryog ki Vishay Suchi by


दो शब्द :

इस पाठ में 'कायाकल्प' की अवधारणा और इसके महत्व पर चर्चा की गई है। इसमें बताया गया है कि कैसे मनुष्य के शरीर में बुढ़ापे के प्रभाव को दूर करने और यौवन को फिर से प्राप्त करने के लिए विभिन्न उपाय किए जा सकते हैं। पाठ में यह उल्लेख किया गया है कि कई वैज्ञानिक और चिकित्सक, जैसे डॉ. एम. पे. अंसारी और प्रोफेसर स्टोनेक, ने जानवरों से ग्रंथियों को निकालकर उनकी चिकित्सा में प्रयोग करने के प्रयास किए हैं, जो कुछ हद तक सफल भी रहे हैं। हालांकि, भारतीय संस्कृति में ऐसे उपचारों को हिंसात्मक और अनैतिक माना जाता है, जिससे यह प्रणाली भारतीय मनोवृत्ति के खिलाफ है। इसके विपरीत, प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धतियों में कायाकल्प के उपायों का विस्तृत वर्णन मिलता है। पाठक को यह संज्ञान दिलाया गया है कि हमारे पूर्वजों ने प्राचीन चिकित्सा विधियों का सहारा लेकर लंबे और स्वस्थ जीवन जिया। पाठ में यह भी बताया गया है कि कैसे लोग आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों का अनुसरण करते हुए अपने स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसके अलावा, पाठ में कुछ व्यक्तियों, जैसे पं. मदनमोहन मालवीय, का उदाहरण दिया गया है, जिन्होंने कायाकल्प के प्रयोगों के माध्यम से अपनी युवावस्था को फिर से प्राप्त करने का दावा किया है। अंत में, लेखक पाठकों से आग्रह करता है कि वे इस विषय में गहरी रुचि लें और अपने स्वास्थ्य के लिए प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धतियों का उपयोग करें। पाठ का उद्देश्य है कि लोग अपने जीवन को स्वस्थ और खुशहाल तरीके से व्यतीत करें।


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