कल्पना  | Kalpana by


दो शब्द :

इस पाठ में पत्रिका 'कल्पना' के वितरण और ग्राहकों की शिकायतों के बारे में जानकारी दी गई है। पाठकों को यह बताया गया है कि कई कारणों से पत्रिका उनके इलाके के विक्रेताओं के पास नहीं पहुंच पाती है। इसके लिए पाठकों से निवेदन किया गया है कि वे अपनी शिकायतें सीधे कार्यालय को भेजें और ग्राहक बनें ताकि उन्हें पत्रिका नियमित रूप से मिल सके। कुछ पाठकों ने शिकायत की है कि उन्हें पत्रिका नहीं मिल रही है, इसलिए यह सुनिश्चित किया गया है कि पत्रिका भेजते समय हर ग्राहक की जानकारी की जांच की जाती है। सार्वजनिक पुस्तकालयों और शिक्षण संस्थानों से भी पत्र प्राप्त हुए हैं, जिनमें बताया गया है कि उन्हें वर्ष के कुछ अंक नहीं मिले हैं। इस पर संबंधित संस्थानों से अनुरोध किया गया है कि वे डाकघर से जानकारी प्राप्त करें और वापस सूचित करें। इस पाठ में कुछ लेखकों और उनके योगदानों का भी उल्लेख किया गया है, जैसे कि डॉ. मगधदेव और दुष्यंत कुमार की कृतियों के बारे में। इसके अतिरिक्त, विभिन्न प्रकाशनों और उनकी विशेषताओं के बारे में भी जानकारी दी गई है, जिसमें साहित्यिक सामग्री, समीक्षाएँ और पुस्तकालयों के लिए आवश्यक जानकारी शामिल है। पाठ में चित्रण, रंगीन चित्रों और विभिन्न लेखकों की रचनाओं का उल्लेख किया गया है, जो साहित्य और संस्कृति के प्रति समर्पित हैं। अंत में, पाठ में ग्राहकों से अनुरोध किया गया है कि वे विशेषांक के लिए संपर्क करें और पत्रिका की गुणवत्ता और सामग्री की प्रशंसा की गई है।


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