बुद्ध धर्म का इतिहास | Buddha Dharm ki Itihas

By: सुनीतिकुमार - Sunitikumar
बुद्ध धर्म का इतिहास | Buddha Dharm ki Itihas by


दो शब्द :

यह पाठ "भारत और चीन के बीच बौद्ध धर्म के प्रभाव" पर आधारित है, जिसमें प्रो. चौ स्यांग-कुआंग द्वारा लिखित पुस्तक का संदर्भ दिया गया है। पुस्तक का उद्देश्य भारत और चीन के सांस्कृतिक संबंधों को समझाना है, विशेष रूप से बौद्ध धर्म के माध्यम से। लेखक ने बौद्ध धर्म के इतिहास और उसके प्रसार के संदर्भ में भारतीय और चीनी विद्वानों के योगदान का उल्लेख किया है। प्रो. चौ ने बताया है कि चीन और भारत दोनों देशों की सभ्यताएँ एक-दूसरे से भिन्न हैं, लेकिन उनके बीच बहुत सी समानताएँ भी हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि भारत ने चीन को बौद्ध धर्म के माध्यम से कई महत्वपूर्ण विचार दिए, जैसे आत्मिक स्वतंत्रता और करुणा का सिद्धांत। इसके अलावा, उन्होंने चीन से प्राप्त सामग्रियों का भी उल्लेख किया है, जो भारतीय संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण थीं। पुस्तक में यह भी चर्चा की गई है कि कैसे भारतीय विद्वानों ने चीन में बौद्ध दर्शन को फैलाया, और चीन के विद्वानों ने भारत से ज्ञान ग्रहण करने के लिए कितनी मेहनत की। पाठ में यह प्रश्न भी उठाया गया है कि यदि चीन ने भारत से इतना कुछ लिया, तो भारत ने चीन से क्या सीखा। कुल मिलाकर, यह पाठ भारत और चीन के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को दर्शाता है, जिसमें बौद्ध धर्म की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रो. चौ की पुस्तक इस संबंध में गहन अध्ययन प्रस्तुत करती है, जो दोनों देशों के बीच की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संवाद की गहराई को उजागर करती है।


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